Nifty क्या है Sensex से कैसे अलग है?

Nifty क्या है? (What is NIFTY in Hindi) यह सवाल हर वह इंसान के दिमाग में आता है जो शेयर बाजार के बारे में थोड़ा बहुत पढ़ता है। अगर आपके यहां न्यूज पेपर आता है तो उसमें भी निफ्टी का जिक्र जरूर किया जाता हैं। कभी कभी निफ्टी और सेंसेक्स में ऐसा तूफान आता है जो सभी मीडिया अपने चैनल पर निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में न्यूज दिखाने लगते हैं। 

खैर हम जैसे आम लोग इसके बारे में क्या जानते हैं शायद कुछ भी नहीं, जब भी किसी न्यूज या न्यूजपेपर में निफ्टी और सेंसेक्स के बारे में न्यूज देखता हूं तो यह सवाल जरूर आता है कि आखिरकार निफ्टी क्या है, सेंसेक्स क्या है?

दोस्तो आपके इस सवाल को आज हम विस्तार से बताएगे, हालाकि आज इस लेख में आपको निफ्टी के बारे में जानकारी दूंगा। साथ ही निफ्टी और सेंसेक्स के बीच में अंतर क्या होता है इसकी भी जानकारी दूंगा इसलिए आज इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़े ताकि आपके सभी सवालों के उत्तर मिल जाए। चलिए जानते हैं निफ्टी के बारे में।

निफ्टी क्या है (NIFTY in Hindi)

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Nifty एक मार्केट इंडेक्स है। जिसको National Stock Exchange के द्वारा 21 अप्रैल 1996 में बनाया गया। निफ्टी का फुल फॉर्म national stock exchange fifty होता है। यह दो शब्द National और Fifty को मिलाकर बनाया गया है इसलिए इसे national fifty के नाम से भी जाना जाता है। Nifty, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड 1600 कंपनियों के शेयर में से शीर्ष 50 कंपनियों के इक्विटी शेयरों कि जानकारी दिखाता है। इसलिए बहुत से लोग इसे निफ्टी 50 से भी जानते है। 

NIFTY 50 भारत के दो national indices में पहला सबसे प्रमुख Stock Index है। वहीं भारत का दूसरा सबसे प्रमुख नेशनल indices Sensex है। Sensex बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का एक indices है। निफ्टी का मालिकाना हक India Index Services and Products (IISL) के पास है, लेकिन यह खुद National Stock Exchange Strategic Investment Corporation Limited की सहायक कंपनी है।

Nifty के सभी 50 कंपनियों के शेयर भारतीय अर्थव्यवस्था के 12 अलग अलग sectors में जुड़े हुए हैं। जिनमें शामिल हैं - उपभोक्ता सामान, मनोरंजन और मीडिया, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, धातु, ऊर्जा, सीमेंट सेक्टर, ऑटोमोबाइल, कीटनाशक और उर्वरक, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार, और अन्य  सेवाएं।

Nifty ब्लू चिप कंपनियों के ट्रेंड को फॉलो करता है। यहां ब्लू चिप का मतलब high liquid और largest Indian securities होता है।

NSE के द्वारा 12 जून 2000 में  future derivative market में ट्रेडिंग शुरू की गई और निफ्टी 50 पर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स आधारित होते हैं। 4 जून 2001 NSE के द्वारा एक और derivative market को लाया गया जिसको options market के नाम से जाना जाता है।

Nifty Index में कंपनी कैसे लिस्ट होती हैं?

Nifty Index में कंपनी को लिस्ट होने के लिए निम्लिखित पॉइंट को क्वालीफाई करना होता है -

1.  निफ्टी में लिस्ट होने के लिए कंपनी को भारत का अधिवास होना जरूरी है।
2 . कंपनी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत होनी चाहिए।
3. कंपनी का शेयर हाई लिक्वडेटी होना चाहिए, जो कि average impact cost से मापा गया हो।
4.  कंपनी की ट्रेडिंग फ़्रीक्वेंसी पिछले छह महीनों से 100% होनी जरूरी है।
5. कंपनी के पास औसत फ्री फ्लोटिंग बाजार पूंजीकरण होना आवश्यक है।
6.   DVR ( Differential Voting Rights) वाले शेयर इंडेक्स के लिए eligible होने चाहिए।

Nifty की गणना कैसे की जाती है?

Nifty 50 की गणना एनएसई में लिस्टेड 50 फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण शेयर के weighted value के आधार पर किया जाता है। Index value कि गणना free float market capitalisation के उपयोग से कि जाती है। साथ ही base period से रिलेटिव शेयर कि कीमतों को दिखाता है। मार्केट वैल्यू को कैलकुलेट करने के लिए शेयर और प्रति शेयर बाजार मूल्य का प्रोडक्ट निकाला जाता है।

Index value = Sum of  free float market capitalization  / (Base Market Capital * Base Index Value)

Market Capital क्या है?

मार्केट कैपिटल कंपनी की कुल वैल्यू को दिखाता है। मार्केट कैपिटल को कैलकुलेट करने के लिए कंपनी के current share कि कीमत और कंपनी के सभी शेयर का मल्टीपल करके निकाला जाता है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए साल 2015 में ABC कंपनी ने अपने 10000 इक्विटी शेयर को मार्केट में जारी किए। आज ABC कंपनी के प्रति शेयर बाजार मूल्य 200 रुपया है। तो उसका

Market Capital = Total no. of Shares issued by a Company × Current Price of each Share

ABC कंपनी का शेयर कैपिटल -
                               = 10000*200
                               = ₹2000000

Free Flot Market Capitalisation क्या है?

Free Flot Market Capitalisation में, कंपनी के शेयरों कि गणना promoter के द्वारा होल्ड किए गए शेयर को छोड़कर किया जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि प्रोमोटर के पास जितने भी शेयर है उनको निकाल कर जो शेयर बचते हैं उन्हें फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन कहा जाता है। यानी कि वे शेयर जो इन्वेस्टर, ट्रेडर्स के पास होते हैं।

उदाहरण के लिए किसी कंपनी ने  5 लाख शेयर जारी किए हैं, लेकिन इनमें से 2.1 लाख शेयर प्रमोटर के स्वामित्व में हैं, तो फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.9 लाख रुपये है।

NIFTY के फायदे

निफ्टी के कुछ प्रमुख फायदों को नीचे बताया गया है-

1. निफ़्टी 50 से हमें शेयर बाजार में तेजी या मंदी है इसके बारे में एक बार में पता चल जाता है। तेजी का मतलब अगर निफ़्टी ऊपर जा रहा हो। यानी कि बाजार में खरीदारी बढ़ रही है और बिक्री कम हो रही है। मंदी का मतलब अगर निफ़्टी नीचे जा रहा हो। यानी कि बाजार में बिक्री बढ़ रही है और खरीद कम हो रही है। शेयर बाजार की चाल का सटीक अनुमान निफ्टी के द्वारा आसानी से लगाया जा सकता है।

2. बाजार एक्यूमलेट है या नहीं इसका पता चल जाता है। एक्यूमलेट यानी बाजार में ना तेजी हो और ना मंदी हो।

3. निफ़्टी में देश के इकोनॉमी के 12 सेक्टर्स के शेयर शामिल होते हैं। इसे देश की अर्थव्यवस्था की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अगर बाजार में तेजी है तो देश की अर्थव्यवस्था भी ऊपर जा रही है लेकिन बाजार में मंदी है तो देश की अर्थव्यवस्था भी नीचे जा रही है। अगर निफ़्टी एक्युमलेट है तो देश की अर्थव्यवस्था भी एक्युमलेट जा रही है।

4. निफ़्टी का ट्रेंड इन्वेस्टर और ट्रेडर को बाजार में तेजी और मंदी का सटीक आंकड़ा देता है।

5. निफ़्टी में तेजी आने से में foreign निवेश बढ़ता है और कंपनियों का मार्केट कैप भी मजबूत होता है। फॉरेन निवेश हमारी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाता हैं।

Nifty और Sensex में क्या अंतर है?

1. निफ्टी का फुल फॉर्म नेशनल और फिफ्टी है। वहीं सेंसेक्स का फुल फॉर्म Sensitive and Index होता है।

2. निफ्टी NSE कि subsidiary Index and Services and Products Limited (IISL)
के द्वारा मैनेज की जाती है। Sensex का स्वामित्व बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पास हैं।

3. निफ्टी को कैलकुलेट करने के लिए base 1000 लिया जाता है। सेंसेक्स को कैलकुलेट करने के लिए base 100 लिया जाता है।

4. निफ्टी को कैलकुलेट करने के लिए base period 1995 लिया जाता है। सेंसेक्स को कैलकुलेट करने के लिए base period 1978-1979  लिया जाता है।

5. Nifty में शीर्ष 50 कंपनियां शामिल होती है जो एनएसई पर सक्रिय रूप से ट्रेड करती हैं। Sensex में शीर्ष 30 कंपनियां शामिल होती है जो BSE पर सक्रिय रूप से ट्रेड करती हैं।

6. सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (एसजीएक्स) और शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (एसएमई) foreign exchange के basis पर निफ्टी 50 ट्रेड करता है। EUREX और Stock exchanges of BRCS nations foreign exchange के basis पर सेंसेक्स ट्रेड करता है।

निफ्टी 50 में लिस्टेड कंपनियां - List Of Nifty 50 Companies

दोस्तो चलिए अब हम आपको निफ्टी 50 में लिस्टेड कंपनियों के list देता हूं। कंपनी नाम के बाद कौन सी कंपनी किसी सेक्टर से जुड़ी है उसका भी नाम आपको बताता हूं -

1. Infosys Ltd.Information - Technology Sector
2. HDFC Bank Ltd.- Banking Sector
3. Reliance Industries Ltd.Energy - Oil & Gas  Sector
4. Housing Development Finance Corporation Ltd. - Financial Services Sector
5. AXIS Bank Ltd. - Banking Sector
6. Hindustan Unilever Ltd. - Consumer Goods Sector
7. Kotak Mahindra Bank Ltd. - Banking Sector
8. Tata Consultancy Services Ltd. - Information Technology Sector
9. ICICI Bank Ltd. - Banking Sector
10. ITC Ltd. - Consumer Goods Sector
11. Larsen & Toubro Ltd. - Construction Sector
12. State Bank of India - Banking Sector
13. HCL Technologies Ltd. - Information Technology Sector
14. Bharti Airtel Ltd. - Telecommunication Sector
15. Asian Paints Ltd. - Consumer Goods Sector
16. Bajaj Finance Ltd. - Financial Services Sector
17. Sun Pharmaceutical Industries Ltd. -Pharmaceuticals Sector
18. Mahindra & Mahindra Ltd. - Automobile Sector
19. UltraTech Cement Ltd. - Cement Sector
20. Maruti Suzuki India Ltd. - Automobile Sector
21. Wipro Ltd. - Technology Sector
22. IndusInd Bank Ltd. - Banking Sector
23. Titan Company Ltd. - Consumer Goods Sector
24. Power Grid Corporation of India Ltd. - Energy - Power Sector
25. Nestle India Ltd. - Consumer Goods Sector
26. Tata Motors Ltd. - Automobile Sector
27. Tech Mahindra Ltd. - Information Technology Sector
28. HDFC Life Insurance Co. Ltd. - Insurance Sector
29. Bajaj Finserv Ltd. - Financial Services Sector
30. Bajaj Auto Ltd. - Automobile Sector
31. Tata Steel Ltd. - Metals Sector
32. NTPC Ltd.Energy - Power Sector
33. Dr. Reddy’s Laboratories Ltd. - Pharmaceuticals Sector
34. Adani Port and Special Economic Zone - Infrastructure Sector
35. Hero MotoCorp Ltd. - Automobile Sector
36. Grasim Industries Ltd. - Cement Sector
37. Divi’s Laboratories Ltd.Pharmaceuticals Sector
38. Hindalco Industries Ltd. - Metals Sector
39. Oil & Natural Gas Corporation  Ltd. - Energy - Oil & Gas Sector
40. JSW Steel Ltd. - Metals Sector
41. Britannia Industries Ltd. - Consumer Goods Sector   
42. Cipla Ltd. - Pharmaceuticals Sector
43. Bharat Petroleum Corp. Ltd.Energy - Oil & Gas Sector
44. Eicher Motors Ltd. - Automobile Sector
45. Shree Cement Ltd. - Cement Sector
46. SBI Life Insurance Co. - Insurance Sector
47. GAIL (India) Ltd.Energy - Oil & Gas Sector
48. UPL Ltd. - Chemicals Sector
49. Coal India Ltd. - Energy & Mining Sector
50. Indian Oil Corporation Ltd.Energy - Oil & Gas Sector

आज क्या सीखा

दोस्तो उम्मीद करता हूं कि Nifty kya hai के प्रश्न का उत्तर आपको विस्तार से मिल गया होगा। साथ ही निफ्टी को कैसे कैलकुलेट किया जाता है यह भी जाना है। निफ्टी और सेंसेक्स में क्या अंतर होता है इसके बारे में भी कुछ पॉइंट बताए गए हैं।

आशा करता हूं कि आपको निफ्टी के बारे में यह लेख पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़ने के बाद अपने दोस्तों को शेयर जरुर करें ताकि वह भी निफ्टी 50 के बारे में अच्छे से जान सके।

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